Tuesday, November 12, 2024

Top 5 This Week

Related Posts

पल्स ऑक्सीमीटर में पीआई को न करें नजरअंदाज, यह ऑक्सीजन लेवल जितना ही महत्वपूर्ण

कोरोना की दूसरी लहर अपने पीक पर है और आमजन अपने शरीर में ऑक्सीजन लेवल को चेक करने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल करना बखूबी जान गए हैं। शरीर में ऑक्सीजन लेवल और पल्स रेट कितना होना चाहिए। इसे ऑक्सीमीटर में हर कोई जांच लेता है, लेकिन इसके अलावा डिवाइस में छोटे शब्दों में पीआई भी लिखा होता है जोकि उतना ही महत्वपूर्ण होता है जितना कि ऑक्सीजन लेवल। लेकिन जानकारी के अभाव में लोगों को एक आवश्यक जानकारी मालूम नहीं चल पाती। ऑक्सीमीटर में पीआई प्रतिशत छोटे अक्षरों में लिखा होता है।

क्या होता है पीआई
शहर के सीनियर कार्डियक इलेक्ट्रॉफि जियोलॉजिस्ट डॉ. राहुल सिंघल ने बताया कि पीआई यानि कि परफ्यूजन इंडेक्स से हमें यह मालूम चलता है कि हमारा हृदय, शरीर के आखिरी छोर तक कितना रक्त पहुंचा पा रहा है। जिस तरह ऑक्सीजन लेवल 94 प्रतिशत से ऊपर, पल्स रेट 60 से 100 के बीच होनी चाहिए। वैसे ही हमारा पीआई भी 0.02 से 20 प्रतिशत तक होना चाहिए। अगर व्यक्ति का पीआई 0 से 0.02 प्रतिशत हो तो इसका मतलब हमारी उंगलियों तक रक्त संचार कम हो पा रहा है और इसके लिए उन्हें तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। पीआई के 0.02 से 20 प्रतिशत के बीच होने का मतलब है कि हमारे शरीर के हर टिश्यू तक रक्त संचार हो पा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार पीआई लेवल कम होने पर शरीर में खून गाढ़ा होने का अंदेशा हो सकता है और चिकित्सकों की सलाह से खून पतला करने की दवाईयां ली जा सकती है।

क्लीनिकल मैनेजमेंट से नियंत्रित होता पीआई
अनियंत्रित पीआई को क्लीनिकल मैनेजमेंट से नियंत्रित किया जाता है। डॉ. राहुल ने बताया कि पीआई कम होने से मरीज को त्वचा का नीला होना, सुन्न होना, हाथ-पैर ठंडे होना, कमजोरी रहना, मांसपेशियों में ऐंठन, जोड़ों में दर्द रहने जैसे लक्षण सामने आते हैं। मरीज को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर ईको, ईसीजी जैसी जांच कर हृदय की कार्यक्षमता और कुछ अन्य जांच कर मरीज को कुछ समय तक दवाएं देते हैं। अगर मरीज को हृदय संबंधित बीमारी, डायबिटीज और मोटापा होता है तो इससे भी उसका पीआई कम हो सकता है।