Formation of Road Safety Force in Punjab पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आप सरकार का यह निर्णय काबिलेतारीफ है कि राज्य में सड़क हादसों को रोकने के लिए सडक़ सुरक्षा फोर्स का गठन किया जाएगा। एक राज्य सरकार का दायित्व है कि वह अपने नागरिकों की बेहतरी और उनके कल्याण के लिए काम करे। इस समय पंजाब की सड़कों पर हादसे लगातार बढ़ रहे हैं और उनकी रोकथाम के लिए काम किए जाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री मान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके अलावा सरकार ने निजी क्षेत्र में 2.77 लाख युवाओं को रोजगार दिलाने का लक्ष्य तय किया है। इस प्रकार के निर्णय पंजाब के पूरे परिदृश्य को बदलने में अहम भूमिका निभाएंगे। सबसे बढ़कर आज यातायात सुरक्षा के लिए काम किए जाने की आवश्यकता है। पंजाब मेंं सड़कों पर दोपहिया चलाने वाले चालकों को हेलमेट पहनना बिल्कुल भी जरूरी नहीं लगता है। बेशक, सिख धर्म के लोगों को इसकी छूट हासिल है, लेकिन बाकी लोग भी हेलमेट पहनकर चलना जरूरी नहीं समझते। राज्य में इस समय प्रतिवर्ष 5500 व प्रतिदिन 14 लोगों की मौत सड़क हादसों में हो रही हैं।
मुख्यमंत्री मान के अनुसार थानों में तैनात सिपाहियों के काम का बोझ कम करने के लिए सडक़ सुरक्षा फोर्स को गलत ड्राइविंग रोकने, सड़कों पर वाहनों के यातायात को सुचारू करने और अन्य कार्यों के लिए गठित किया जाएगा। गौरतलब है कि पंजाब वह पहला राज्य होगा जोकि इस प्रकार के कदम उठा रहा है। इस फोर्स के पास नई गाड़ियां, क्रेन सहित जरूरत का हर सामान उपलब्ध होगा। फोर्स की वर्दी व गाड़ियों का रंग भी अलग होगा। पंजाब सरकार की ओर से राइट टू वॉक की अवधारणा को भी लागू किया जा रहा है।
पंजाब में इस समय किसी पुल, ओवर ब्रिज, सड़क, हाईवे के किनारे न तो यथोचित तरीके से पैदल चलने के लिए फुटपाथ बनते हैं, न ही साइकिल ट्रैक के लिए व्यवस्था होती है। होता यह भी है कि टू व्हीलर चालक भी उसी रोड से गुजर रहे होते हैं, जहां से भारी वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। अनेक बार तो लगता है कि सड़क सिर्फ भारी वाहनों के लिए बनाई जाती है, क्योंकि उस पर कहीं पैदलगामी या फिर साइकिल या फिर टू व्हीलर चालकों के लिए प्रयोजन होता है। बेशक टू-व्हीलर चालकों के लिए भी सडक़ के एकतरफ मार्किंग कर दी जाए और उसी निर्धारित जगह में ड्राइव करने को कहा जाए तो इससे हादसे कम होंगे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार की ओर से अनेक कल्याणकारी कदम जनता के लिए उठाए जा रहे हैं। उनमें से एक यह है। राज्य के मुख्य सचिव की ओर से सर्वोच्च न्यायालय की ओर से बीते वर्ष राइट टू वॉक के लिए जारी किए गए आदेशों को लागू कराने के लिए ट्रैफिक सलाहकार को निर्देशित किया गया है।
पंजाब सरकार इस दिशा में अब यह करेगी कि भविष्य में बनने वाली नई सड़कों और मौजूदा सड़कों के विस्तार के समय राइट टू वॉक को ध्यान में रखकर साइकिल ट्रैक और फुटपाथ का निर्माण अनिवार्य करेगी। इस संबंध में सड़क निर्माण से जुड़े विभागों और राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी आफ इंडिया को भी पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि सड़कों पर साइकिल ट्रैक और फुटपाथ बनाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जाए एवं इसके लिए बजट का प्रबंध भी किया जाए।
राज्य सरकार की ओर से सरकारी क्षेत्र में नौकरियां प्रदान की जा रही हैं, लेकिन अब निजी क्षेत्र में भी युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए काम होगा। मुख्यमंत्री का कहना है कि सरकार के प्रयास से राज्य में 48 हजार करोड़ रुपये का निवेश आया है। इससे निजी क्षेत्र में नये रोजगार सृजित हो रहे हैं। निश्चित रूप से ये नौकरियां समूचे राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बड़ा प्रोत्साहन देने के साथ-साथ राज्य के सामाजिक आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएंगी। राज्य में आजकल शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हो रहा है, राज्य में इस बार 10वीं,12वीं के बोर्ड परीक्षा परिणाम शानदार आए हैं।
राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का माहौल पूर्व की सरकारों के समय से बहुत बेहतर हुआ है। सरकार ने इसके भी प्रयास शुरू किए हैं कि अब युवाओं को नौकरी के लिए विदेश न जाना पड़े। पंजाब मेें युवाओं को इसकी लत है कि यहां अपनी-जायदाद बेचकर वे विदेश में काम करने चले जाते हैं और मुश्किलें झेलते हैं। निश्चित रूप से अपने राज्य एवं देश में भी तमाम अवसर मिल सकते हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के कुशल नेतृत्व में राज्य में जहां कानून और व्यवस्था की स्थिति सुधरी है, वहीं आम आदमी को इसका भरोसा जगा है कि अब उसकी तरक्की को कोई नहीं रोक सकता। एक सरकार जब प्रभावी योजनाएं बनाकर चलती है तो उनका फायदा सभी को मिलता है, इसी से बदलाव आता है।